98. सूरह बय्यिना » Surah Al Bayyinah in Hindi
98. सूरह बय्यिना » Surah Al Bayyinah in Hindi
सूरह बय्यिना » Surah Al Bayyinah : यह सूरह मदनिय्या है, इस में (8) आयतें और (1) रुकूअ है । और (103) कलिमे, (396) हर्फ़ हैं। और पारा 30 |
सूरह बय्यिना » Surah Al-Bayyinah In Arabic
सूरह बय्यिना - सूरह ज़ल्ज़ला हिंदी में
अऊजु बिल्लाहि मिनश् शैतारिनर्रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
- लम यकुनिल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना मुन्फक कीना हत्ता तअ’ति यहुमुल बय्यिनह
- रसूलुम मिनल लाहि यत्लू सुहुफ़म मुतह हरह
- फ़ीहा कुतुबुन क़य्यिमह
- वमा तफर रक़ल लज़ीना ऊतुल किताबा इल्ला मिम ब’अदि मा जा अत्हुमुल बय्यिनह
- वमा उमिरू इल्ला लियअ’बुदुल लाहा मुखलिसीना लहुद दीन हुनाफ़ा अ वयुक़ीमुस सलाता व युअ’तुज़ ज़काता व ज़ालिका दीनुल क़य्यिमह
- इन्नल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना फ़ी नारि जहन्नमा खालिदीना फ़ीहा उलाइका हुम शररुल बरिय्यह
- इन्नल लज़ीना आमनू अमिलुस सालिहाति उलाइका हुम खैरुल बरिय्यह
- जज़ाउहुम इन्दा रब्बिहिम जन्नातु अदनिन तजरी मिन तहतिहल अन्हारु खालिदीना फ़ीहा अबदा रज़ियल लाहू अन्हुम वरजू अन्ह ज़ालिका लिमन खशिया रब्बह
सूरह लम यकून » हिंदी में अनुवाद
मैं अल्लाह ताला की पनाह में आता हूँ शैतान ने मरदूद से
अल्लाह के नाम से शुरू जो निहायत मेहरबान व रहम वाला (1) किताबी काफिर (2) और मुशिरक (3) अपना दीन छोड़ने को न थे जब तक उन के पास रोशन दलील न आए (4) वोह कौन वोह अल्लाह का रसूल (5) कि पाक सहीफे पढ़ता है (6) उन में सीधी बातें लिखी हैं (7) और फूट न पड़ी किताब वालों में मगर बा'द इस के कि वोह रोशन दलील (8) उन के पास तशरीफ़ लाए (9) और उन लोगों को तो (10) येही हुक्म हुवा कि अल्लाह की बन्दगी करें निरे उसी पर अकीदा लाते (11) एक तरफ़ के हो कर (12) और नमाज़ काइम करें और जकात दें और येह सीधा दीन है (13) बेशक जितने काफ़िर हैं किताबी और मुशिरक सब जहन्नम की आग में हैं हमेशा उस में रहेंगे वोही तमाम मख्लूक में बदतर हैं बेशक जो ईमान लाए और अच्छे काम किये वोही तमाम मख्लूक में बेहतर हैं उन का सिला उन के रब के पास बसने के बाग हैं जिन के नीचे नहरें बहें उन में हमेशा हमेशा रहें अल्लाह उन से राजी (13) और वोह उस से राजी (14) येह उस के लिये है जो अपने रब से डरे (15) ( तर्जुमा कंजुल ईमान हिंदी )
सूरह बय्यिना » तशरीह हिंदी में
1: "सूरए लम यकुन” इस को "सूरए बय्यिनह" भी कहते हैं, जुम्हूर के नदीक येह सूरत मदनिय्या है और हज़रते इब्ने अब्बास رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُمَا की एक रिवायत येह है कि मक्किय्या है, इस सूरत में एक रुकूअ, आठ आयतें, चोरानवे कलिमे, तीन सो निनानवे हर्फ हैं। 2 : यहूदो नसारा 3 : बुत परस्त 4 : या'नी सय्यिदे अम्बिया मुहम्मद मुस्तफा صلّی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہ وسلّم. जल्वा अफ़रोज़ हों, क्यूं कि हुजूरे अक्दस صلّی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہ وسلّم. की तशरीफ़ आवरी से पहले येह तमाम येही कहते थे कि हम अपना दीन छोड़ने वाले नहीं जब तक कि वोह “नबिय्ये मौऊद" तशरीफ़ फरमा न हों जिन का ज़िक्र तौरैत व इन्जील में है। 5 : या'नी सय्यिदे आलम मुहम्मद मुस्तफा صلّی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہ وسلّم. : या'नी कुरआने मजीद 7 : हक व अद्ल की 8 : या'नी सय्यिदे आलम मुहम्मद मुस्तफा 9 صلّی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہ وسلّم.: मुराद येह है कि पहले से तो सब इस पर मुत्तफिक थे कि जब 'नबिय्ये मौऊद" तशरीफ़ लाएं तो हम उन पर ईमान लाएंगे, लेकिन जब वोह नबिय्ये मुकर्रम صلّی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہ وسلّم. जल्वा अफ़रोज़ हुए तो बाज़ तो आप पर ईमान लाए और बा'ज़ ने हसदन व इनादन कुफ्र इख्तियार किया । 10 : तौरैत व इन्जील में 11 : इख्लास के साथ शिर्क व निफाक से दूर रह कर 12 : या'नी तमाम दीनों को छोड़ कर खालिस इस्लाम के मुत्तबेअ हो कर 13 : और उन के इताअत व इख्लास से 14 : उस के करम व अता से 15 : और उस की ना फरमानी से बचे। ( तर्जुमा कंजुल ईमान हिंदी )
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